अनिल कुमार/भोपाल
करणी सेना परिवार द्वारा सर्वसमाज को साथ लेकर 8 जनवरी 2023 को भोपाल के जम्बुरी मैदान में जन आन्दोलन किया जा रहा है करणी सेना परिवार (टीम जीवन सिंह शेरपुर) पिछले 7 वर्षो से लगातार आन्दोलन और ज्ञापन के माध्यम से स्वर्ण समाज और सर्व समाज की मांग को उठाते आये है

जिसमें कई सफलताएँ भी मिली लेकिन अभी भी कई मांगे अधूरी है पूर्व में रतलाम, उज्जैन व इन्दौर सहित प्रदेश के लगभग सभी जिलों, नगर नगर व ग्राम स्तर पर आन्दोलन कर सरकार को जगाने का प्रयास किया गया वर्तमान में भी 6 माह पूर्व करणी सेना परिवार ने 8 जनवरी जनआदोलन कि घोषणा की थी जिसको लेकर पूरे प्रदेश में स्वाभिमान यात्रा निकाली जा रही है इस यात्रा का प्रारंभ महाराणा प्रताप की जन्मस्थली कुम्भलगढ़ से की गई थी

जिसमें म.प्र. के लगभग सभी जिलो का भ्रमण कर लोगो को जगाने का काम किया 22 सूत्रीय मांगों को लेकर जनमानस को जाग्रत कर क्रांति की शुरूआत की है जो म.प्र. के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत में पहुंच चुकी है इस क्रांति को सर्वसमाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है इस बजह से सरकार और सरकार बैठे लोगों में आन्दोलन की विशालता के अनुमान से घबराहट पैदा हो रही है जिस कारण सरकार के मुखिया और मंत्रियों ने पहले करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर विलय के नाम पर राजपूतों को मूर्ख बनाने का काम किया व 8 जनवरी जन आन्दोलन न हो इस हेतु निरन्तर प्रयास किया जा रहा है किन्तु तब भी जीवन सिंह शेरपुर और उनकी टीम ने हार नहीं मानी और करणी सेना परिवार सर्व समाज को साथ लेकर 8 जनवरी जन आन्दोलन को और भव्य कर दिया सरकार यहां भी रूकने वाली नहीं थी
कई प्रलोभन और दबाव बनाये गये लेकिन करनी सेना परिवार मांगों को पूरा करने पर अड़ा रहा और जन आन्दोलन को स्थगित करने से मना कर दिया फिर सरकार ने सामाजिक मंत्रियों और नेताओं का सहारा लेकर फिर भी एक षडयंत्र रचकर मुख्यमंत्री से समाज के नाम चंद संगठनों को खड़ा कर मांगों को मानने का एक अन्य नई पटकथा लिखकर 8 जनवरी के ठीक पहले 5 जनवरी को सी.एम.हाउस में अलग कार्यक्रम रख लिया जिसको ये कहकर प्रसारित किया जा रहा है कि उस दिन मुख्यमंत्री समाज की मांगों को पूरा करने की घोषणा करेगें जबकि प्रदेश के लाखों लोग 8 जनवरी को भोपाल पहुच रहे है सी.एम.हाउस में आयोजित कार्यक्रम में सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर लोगों को एकत्रित कर समाज को आपस में लड़वाने के साथ तोड़ने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें सर्व समाज में गहरा आक्रोश है आमजन द्वारा सरकार के ऐसे कार्यक्रम का समर्थन करने वाले मंत्रियों विधायकों और नेताओं का खुला विरोध कर सबक सिखाने का मन बना लिया है साथ ही ये तय कर लिया है कि 8 जनवरी को हर हाल में 20 लाख से अधिक संख्या में लोग भोपाल पहुंचेगें आयोजन को लेकर हजारों की संख्या में युवाओं ने पैदल ही भोपाल के लिए कूच भी कर दिया जिसमें 12 वर्ष की एक नन्ही बालिका भी सम्मिलित है जन आन्दोलन में हजारों की संख्या में मातृशक्ति भी उपस्थित रहेगी और सरकार की इन नीतियों के विरोध में एक बड़ा आन्दोलन करेगी व सरकार से मांगों को लेकर घोषणा पर भरोसा नहीं करेगी क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री पदमावत फिल्म के समय समाज के साथ धोखा कर चुके है इस बार आर पार की लड़ाई लड़ी जायेगी।
मांगे
भर्ती कानून बनाए जाए (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाली जाए) व्यापम के 1.00 लाख पदों पर एस.आई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी का भत्ता प्रदान किया जाए, व डच्च्ैब् की 2019, 2020, 2021 की भर्तियाँ संवैधानिक रूप से पूर्ण की जाये व ओबीसी आरक्षण मुद्दा हल करों।
मध्यप्रदेश में मीडिया कर्मियों को अधिमान्यता देने वाली तथा बीमारी में आर्थिक मदद देने वाली राज्य और संभाग स्तरीय समितियों का पुर्नगठन किया जाएं व मीडिया कर्मियों पर लादे गए झूठे मुकदमें वापस लिये जायें।
केन्द्र और राज्य की आने वाली सभी भर्तियों में सभी वर्गों को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जावे। राज्य सरकार द्वारा दी गई 03 वर्ष की छूट की समयावधि 01 वर्ष से बढ़ाकर 02 वर्ष की जावे।
अतिथि शिक्षकों को विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किया जावे। वर्ग 1 व 2 शिक्षक भर्ती 2018 में जिन अतिथि शिक्षकों के कार्य अनुभव पूर्ण थे उनके अतिथि शिक्षक अनुबंध 2020-21 तक मान्य कर अतिथि कोटे में 25 प्रतिशत का लाभ दिया जाये। महानुभावों को भी योग्यता के आधार पर नियमित किया जावे। रोजगार सहायकों व कोरोना स्वास्थ्यकर्मियों व मध्यप्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण के संविदा कर्मियों को समान कार्य समान वेतन और नौकरी की सुरक्षा दी जाए उनको नौकरी से न निकाला जाये और उनको नियमित किया जाये। म.प्र. के सभी बिजली विभाग सहित सभी विभागों में कार्यरत् आउटसोर्स कर्मचारियों को भी योग्यता के आधार पर नियमित किया जाये।








